ई भगवान दास है बाउ साहब । इसके 120 ठो कमरा मे 240 ठो बुद्धिजीवी सोये है । क्या? विश्वाश नही होता है ? रूम नम्बर 73 मे जाईये और जा के पूछिये कि भग्वान दास कौन थे ? जबाब मिलेगा- “ लांव” ई हैं जयवर्धन जी – लवकी- लांव, दुनिया- लांव , भगवान- लांव, भगवान दास – लांव।


आगे बढिये - त 77 से धुंआ दिखाई पडेगा। अरे भाई डरिये मत. आग नही लगा है ? भगवान दास के एकमात्र बिदेशी छात्र अनुराग डे फूंक रहे होंगे । अब ई बिदेशी कैसे है कभी बाद मे बतायेंगे ई ससुर टोला भर का सब बात किर्केटे मे करते है . आ किरकेट के उ का कहा जाता है इंस्सीक्लोपीडिया हैं।

• अगर फलाना प्रोफेसर सचिन के फ्लो मे पढाता तब बात बनती।

• अरे साला का लेक्चर है कि गार्नर का बाउंसर है

• लडकी ताकि नही बे ! साला ग्लांसे मार लेती।

अच्छा अच्छा ... आपको किर्केट मे इंटरेस्ट नही है । तो जा के मानवेन्दर तिवारी से भेंट किजीये । उ बताएंगे कि काहे अबकि बार ए सी मिलान के लौंवा लगा है। और कि रोनाल्डिन्यो आ कार्लोस मे पटरी नही बैठ रहा है । ई भी बता देंगे कि पपाराज़ी लोग बेकहम को किस के साथ धरे है ।

ले बाउ साहब । आपको क्या लग रहा है कि भगवान दास मे पढाई लौंवे लग गई है इसी लिये तो कह रहे है कि पूरा बात सुनिये।

किस तरह से पढना चाहते है !

रात भर में पढ के कलक्टरी करना है ! तो नेपाली जी को खोजिये । अरे गोपाल सिह नेपाली ना भाई । मनेजर नेपाली। मनेजर इस लिये कि भाई मेस सम्भालते है ( आ कि मेस उनको सम्भालता है के जाने ) आ नेपाली किस लिये ई आज तक उंको खुद्दे नही पता । हां तो रात भर मे कलक्तटरी है तो नेपाली को धर लिजिये। जादा खर्चा नही होगा खालि रात भर जागे खातिर चाय पिलाईये मन हो त दिलिप के दोकान के फैन खिला दिजिये। नेपाली जी उ बूटी देंगे कि बस जा के कापी प उगिल दिजिये । पास । डीन के बापो ना रोक सकेंगे । क्या कईसन बूटी ? अरे उ उनका पेटेंट है। कहते हैं कि अगर देश ई उनका से खरीद ले तो देश के सेक्युरिटी सिस्टम सुधर जाये ।



ओहो का! आपको खालि पास नही होना है । नालेज गेन करना है ? । अरे तो पहिले बोलते। झुठो मे एगो कहानी सुन लिये। जाइये आ जा के जोइन किजिये “ बोला सर” के क्लास। उनका नाम “बोला” इसलिये कि बिना ‘बोला” बोले उनका गर्दन के घांटी से बोले ना फूटे। बाकि पढा त अईसा देंगे कि लेक्चरर लोग अंगुरी चूसने लगेंगे । भगवान दास एक्ट उहे पास किये है । एक्ट के बारे मे कभी बाद मे बताएंगे जा के पढिये। आ ले आईये 704 नम्बर 900 मे। बाकि गलतियो से बोला सर के नम्बर मत पुछियेगा। खिसिया जाएंगे। परीक्षा हाल मे ससुर को खईनी नही मिलता है तो लिखिये नही पाते है ।

बाकि अब पूछ लिये हैं तो सुनिये पढाई के बारे मे बुद्धिजीवीयन के बिचार:

अनुराग डे- कीनीया- हौलैंड मैच ( टाईम बर्बादी)

मानवेन्द्र तिवारी- A representation or rendering of any object or scene intended, not for exhibition as an original work of art, but for the information, instruction, or assistance of the maker; as, a study of heads or of hands for a figure picture.



जयवर्धन- लांव

बोला सर- नौकरी के लिये मेहनत



नेपाली - नौकर बनने के लिये मेहनत




फिलिम देखते है बाउ साहेब!

क्या ? क्या कहे? आपके जईसा फिलिम के ग्यान कम्मे लोगो को है ।

अच्छा तो बताइये कि डाली ठाकुर कौन फिलिम मे पहिली बार आई थी?

का ? बिग बौस ?

अरे बाउ साहेब इसिलिये ना कहते हैं कि डाली ठाकुर आ डाली बिन्द्रा मे अंतर समझिये और भगवान दास आया जाया किजिये।

बालेन्दु जी से भेंट किजिये। भंसलिया का फिलिम, हमारा यही भाई एडिट किया था . बाकि ससुरा इनका नाम नही दिया त भाई आ गये “ला” पढने कि “वकील बन के केस करुंगा”। भाई जी पईसा ओईसा त लांव पर धरते हैं। इनका मन मे एके गो दुख रह गया कि साला कम से कम हमारा नही तो हमारा दोस्त गोपी जी का ही नाम दे दिया रहता भंसलिया। जिगरी दोस्त हैं दुनो जाना। फिलिम के ग्यान त इतना है कि का कहा जाये। शोले पर त बालेन्दु जी डाक्टरेट हैं। अमिताभ के जींस के नाप, धन्नो के बाप, बुलेट पर कम्पनी के छाप आ बसंती के घाघरा के माप तक सब उनको मालुम है। गब्बरवा सरईसा सुर्ती खाता था वही पहिली बार बताए थे। अमिताभ बच्चन को याद नही होगा कि कितना फिलिम मे उनका नाम अमित है। अमिताभ बोलेंगे 22 , तो बालेन्दु बोलेंगे ‘नही सर 23... आप नि: शब्द को तो भूल ही गये। गदर मे एगो सीन मे सनी देवल के नाक पर मक्खी बईठी त बालेन्दु जी घोषणा कर दिये कि “ई फिलिम आस्कर के लिये जाएगी” काहे कि आदमी को तो कोइ भी डाईरेक्ट कर सकता है बाकि मख्खी को डाईरेक्ट करना... बाप रे बाप क्या डाईरेक्शन है! अईसन ग्यानी हैं बालेन्दु जी।

तो बनारस हिन्दु युनिवर्सिटी के भगवान दास होस्टल मे आपका स्वागत है । अगर आप देश के चौथे सबसे अच्छे ला कालेज के पहले 60 स्टुडेंट हैं तो भगवानवान दास होस्टल आपके लिये है नही तो आपके दोस्तों के लिये भी । एक दो दिन के शरण के लिये न कभी भगवान दास तो आपत्ति हुई ना ही कभी भगवानदास के वार्डन मुरली सर को। तो देश के उन 60 बेकार स्टुडेंत्स मे से हम चार भी थे, सत्य, अनुराग जयवर्धन और गुंजन।

गुंजन मेरिट नम्बर- 23 सत्य मेरिट नम्बर-27

जय0 मेरिट नम्बर-31 और अनुराग / दादा मेरिट नम्बर- 44

अगर हम पर कभी SWOT किया गया होता तो रिजल्ट कुछ कुछ ऐसा ही होता।

गुंजन- strength – नाम- जिससे कंफुज होकर जाने कितने लोगो ने एडमिशन ले लिया था कि चलो क्लास मे एक लडकी तो आई। weakness-





जैसे ही वार्डन के बताए गये रास्ते से होस्टल पहुंचे । एक बोर्ड ने हमारा स्वागत किया “ भगा....स ओटल” हम आगे बडःअ गये ये सोच कर कि शायद दूसरा होस्टल हो । तभी चाय वाले ने टोका” बाबु लोग भगवान दास होस्टल त पीछे छूट गईल। उ देखा बिसनाथ बाबा के ठीक पिछ्वा।

गुंजन- अरे वही था।

जय- लांव.....

खैर- रूम नम्बर 79- मै और दादा । रूम नम्बर 77- गुंजन और जय।

भगवान दास होस्टल- अंग्रेजों के जमाने की जेल की तर्ज पर बना हुआ हौस्टल । बाये गुर्टु होस्टल, दाये राधा क्रिश्ण पीछे जंगल और आगे लोहे के ग़ेट की किलाबन्दी। यह किला बन्दी उनके लिये थी जो किले मे बन्द होना चाह्ते थे। कहते है भगवान दास मे डेमोक्रेसी 1947 से काफी पहले आ गई थी । कहते है भगवान दास मे बास्केट बौल, वाली बाल तथा टेबल तेनिस सब के कोर्ट/ टेबल थे बस क्रिकेट की पिच नही थी सो हमने बना ली ना किसी ने रोकन था ना किसी ने रोका बस एक हिदायत कि कोशिश करना गुलाब न टूटे । गुलाब से किसी को कोइ खास लगाव नही था ( 14 फरवरी के पहले तक). सो उसको कोइ नुकसान नही पहुचाया गया।



मै और गुंजन तो के दौरान ही मिले थे । पर बाकि लोगो के मिलने की कहानी भी कम दिलचस्प नही है \ अनुराग को बंगाली होने के कारण सिगरेट पुर्वजों से मिली थी । और हम घर से निकलने की खुशी धुए मे उडाना चाह्ते थे । तो मिल गये सिगरेट की दुकान पर जहां न जाने कब से ओर न जाने कब तक दादा का खाता चलता रहा।

दादा- किताबें बहुत मह्ंगी है यार। सत्य- और सिगरेट तो बडी सस्ती मिलती है ना।

दादा_ साले सिगरेट को किताबों के साथ कम्पेयर मत कर । सिगरेटॅ नही होती तो ये किताबे भी नही लिखी जातीं. स्ट्रेस बस्टर होती है । जय – सिगरेट इसको का लांव बुझायेगा। नया नया तो चुसना शुरु किया है । धुंआ मुन्ह मे रख के फेक देता है आ सोचता है कि बडका अर्जुन सीताफल लग रहा है ।ऐइसने आदमी सिगरेट को बदनाम किया है ।

अच्छा सिगरेट छोड ओर बता कि कोन कोन सी बुक्स लेनी है । ऐसा करते है लेक्चरर्स से कंसलट करते है ।

जय- फिर किया लंवचट वाला बात . अरे लेक्च्चरर क्या बतायेगा अपने तो एगो किताब जिनदगी भर पढा सब तो आज वही उगल्ता रहता है यहां 10 सब्जेक्ट पढ्ना है । उ सब को तो दस सब्जेक्ट का नाम भी याद नही होगा। सत्य- ऐसा करते है अभिसेक राय के पास चलते है । अच्छा सिनियर है वो बता देगा कि कौन से औथर कि बुक अच्छी है । हां साले उ तुमको चढा दिया कि तुम इंटेलेकचुअल टाईप बात करते हो तो अच्छा सिनियर हो गया। ई नही दिख रहा है कि साला तुम्हारा जैकेट पहन के 5 दिन से घूम रहा है। गुजंन- साले तुम लोग किसी डिसीजन पे नही पहुंचोगे। ऐसा करते हैं । दो दो किताब चारो लोग खरीद लेते है । लीगल एथिक्स के लिये किताब की जरुरत नही होती। ओर conctract की बुक पहले से मेरे पास होगी। ठीक? सत्य- ठीक दादा- ओ के जय – ठीके है। और बेयर एक्ट का क्या ? जय- फिर साला गन्दा बात। अरे पढाई लिखई के समय बेयर ओयर टाईप गन्दा बात मत करो 

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मुरली सर देश के जाने हुये criminal law के एक्स्पर्ट है । देश के लिये होंगे, बी डी के लिये तो वो हमारे अम्पायर ओर संजय मंजरेकर ही थे । हमारी पहली रैगिंग उन्ही के उपर हुई थी । मुरली सर बैटिंग करने आये और सिनियर्स ने कहा तुम्हारा विकेट उनका चश्मा है । विकेट गिरा दो । हमारी बौल ठीक निशाने पर नही लगी लेकिन मुरली सर ने ये कहते हुए बैट थमा दी कि हमारे टाइम मे बौडी लाईन बौलिंग पे बैन लग गया था।

दादा- अबे उसके मुंह पे क्युं बाल डाल रहा था? जानता है वो कौन हैं सत्य- हां वार्डन है अपना ? दादा- साले वार्डान बाद मे है पहले लेक्चचर है अपना। CRPC वही पढा रहे हैं और असाइन्मेंटस के 40 मार्क्स उसके पास हैं। बेटा जब कल से वो बाडी लाईन बौल करेगा ना क्लास मे तब बचना।

पहली क्लास ।

सी आर पी सी लेक्चर by R.K. MURALI :

WEL COME FRESHERS



जैसा कि आप सभी जानने हैं ला एक ऐसा प्रोफीसिओन होने है जिसे पढने अलग अलग फील्ड से लोग आते है : for example: arts ,commerce, science etc. लेकिन आपके इस बैच मे क्रिकेट प्लेयर्स भी होने है। लेकिन अगर वो इस प्रोफेशन मे आने है तो इसका मतलब है वो क्रिकेट मे फेल हो गये हैं। अब अगर वो पढाई बमे भी फेल नही होना चहने है तो क्रिकेट के साथ साथ थोडी पढाई भी करने होंगे। सत्य, अनुराग, जय और गुंजन आप लोगों को चोड कर बाकि लोगो को अपना अपना ब्रीफ इंट्रो देने होंगे । start from roll no 1.



जय0 लग गये लौंवे।